प्रायः लोग खाना बनाते समय आटे को छानकर चोकर फेंक देते हैं लेकिन उन्हें यह पता नहीं कि चोकर फेंककर उन्होंने आटे के सारे रेशे (फाइबर्स) फेंक दिये हैं । चोकर स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है । चोकर के संबंध में शोध कर रहे वैज्ञानिकों ने पाया है कि चोकर रक्त में इम्यूनो-ग्लोब्यूलीन्स की मात्रा बढ़ाता है, जिससे शरीर की रोगप्रतिकारक क्षमता बढ़ती है । इससे रोगप्रतिकारक शक्ति की कमी के कारण उत्पन्न होनेवाले कई कष्टदायक रोग जैसे क्षय (टी.बी.), दमा आदि भी दूर रहते हैं ।
चोकरयुक्त आटा खाने के लाभ
(१) गेहूँ का चोकर कब्ज हटाने में रामबाण का काम करता है । इसके प्रयोग से आँतों में चिपका हुआ मल साफ होता है, गैस नहीं बनती, आँतें सुरक्षित व पेट मुलायम रहता है ।
(२) चोकर आमाशय के घावों को ठीक करता है ।
(३) रक्तवसा (कोलेस्टड्ढॉल) को संतुलित करके हृदयरोग से भी रक्षा करता है ।
(४) आंत्रपुच्छशोथ (अपेंडिसाइटिस), अर्श (बवासीर) तथा भगंदर से बचाता है । बड़ी आँत एवं मलाशय कैंसर से भी रक्षा होती है ।
(५) मोटापा घटाने तथा मधुमेह निवारण में भी अचूक कार्य करता है ।
अतः अति लाभकारी चोकरयुक्त आटे का ही प्रयोग करें, भूलकर भी इसे न फेंकें ।
सरल प्रयोग
* भगवान धन्वंतरि सुश्रुतजी से कहते हैं : ‘‘मनुष्य को सदा ‘हिताशी’ (हितकारी पदार्थों को ही खानेवाला), ‘मिताशी’ (परिमित भोजन करनेवाला) तथा ‘जीर्णाशी’ होना चाहिए अर्थात् पहले खाये हुए अन्न का परिपाक हो जाने पर ही पुनः भोजन करना चाहिए ।’’
* बेल के पत्ते, धनिया व सौंफ को समान मात्रा में लेकर कूट लें। १० से २० ग्राम यह चूर्ण शाम को १०० ग्राम पानी में भिगो दें और सुबह पानी को छानकर पी जायें । इसी प्रकार सुबह भिगोकर शाम को पियें । इससे स्वप्नदोष कुछ ही दिनों में ठीक हो जायेगा । यह प्रमेह एवं स्त्रियों के प्रदर में भी लाभदायक है।
* घी तथा दूध से शिवलिंग को स्नान कराने से मनुष्य रोगहीन हो जाता है ।
* खाँड़युक्त दूध पीनेवाला सौ वर्षों की आयु प्राप्त करता है ।
* दीर्घजीवी होने की इच्छावाले को सुबह खाली पेट १० से १५ ग्राम त्रिफला घृत के साथ ५ से १० ग्राम शहद का सेवन करना चाहिए ।