‘‘मैं पूज्य बापूजी के श्रीचरणों में प्रणाम करने आया हूँ । भक्ति से बड़ी दुनिया में कोई ताकत नहीं होती और भक्त हर कोई बन सकता है । हम सबको भक्त बनने की ताकत मिले, आशीर्वाद मिलें । संतों के आशीर्वाद ही हम सबकी बड़ी पूँजी होती है । मैंने तो पूज्य बापूजी को हरियाणा में बैठकर सुना है, पंजाब में भी सुना है, राजस्थान में व उत्तर प्रदेश के गलियारों में सुना है । समग्र राष्ट्र में सामूहिक सत्संग के द्वारा एक नयी चेतना जगी है और उसका एक नया प्रभाव शुरू हुआ है ।
मेरा ऐसा सौभाग्य रहा है कि जीवन में जब कोई नहीं जानता था, उस समय से बापूजी के आशीर्वाद मुझे मिलते रहे हैं, स्नेह मिलता रहा है । बापू के शब्दों में एक यौगिक शक्ति रहती है ।
पूज्य बापूजी ! आप देश और दुनिया - सर्वत्र ऋषि-परम्परा की संस्कार-धरोहर को पहुँचाने के लिए अथक तपश्चर्या कर रहे हैं । अनेक युगों से चलते आये मानव-कल्याण के इस तपश्चर्या-यज्ञ में आप अपने पल-पल की आहुति देते रहे हैं । उसमें से जो संस्कार की दिव्य ज्योति प्रकट हुई है, उसके प्रकाश में मैं और जनता - सब चलते रहें । मैं संतों के आशीर्वाद से ही जी रहा हूँ । मैं यहाँ इसलिए आया हूँ कि लाइसेंस रिन्यू हो जाय । पूज्य बापूजी ने आशीर्वाद दिया और आप सबको वंदन करने का मौका दिया इसलिए मैं बापूजी का ऋणी हूँ ।’’
- श्री नरेन्द्र मोदी, तत्कालीन मुख्यमंत्री, गुजरात, वर्तमान प्रधानमंत्री, भारत सरकार