मैं 5 साल से जोधपुर जेल में था । वहाँ आशारामजी बापू ज्ञान की बातें बताते थे और बोलते थे कि ‘भजन करो, अच्छा बोलो, पवित्र बोलो, भगवान का नाम लो, किसीको कष्ट मत दो ।’ हम सबको प्रसाद भी देते थे ।
सन् 2017 की बात है । मुझे अचानक हार्ट की प्रॉब्लम हो गयी, लीवर व स्वास्थ्य कमजोर हो गये, पूरे शरीर में दर्द होने लगा । मुझे जोधपुर के माथुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया । 15 दिन तक वहाँ रहा । डॉक्टरों ने एलोपैथिक दवाइयाँ दीं, जिससे हालत और भी गम्भीर हो गयी ।
डॉक्टर बोले कि ‘‘तुम्हारे हृदय की 5 नाड़ियों में ब्लॉकेज हैं । एक नाड़ी में 100%, दूसरी में 100%, तीसरी में 90%, चौथी में 90% और पाँचवीं में 70% ब्लॉकेज है । अभी-अभी ऑपरेशन कराओ, नहीं तो तुम्हारा बचना मुश्किल है ।’’
मैंने ऑपरेशन कराने से मना कर दिया और जेल में आ गया । वहाँ पर बापूजी को सब बताया । मेरा चेहरा पूरी तरह कुम्हला गया था । बापूजी ने मुझे प्रसाद दिया, कुछ प्रयोग बताये और गोझरण वटी, हृदय सुधा और दूसरे जो भी आश्रम के इलाज हैं वे भी बताये और बोले : ‘‘चिंता मत करना, सब ठीक हो जायेगा ।’’
250 रुपये में खुल गये 5 ब्लॉकेज, लीवर ठीक, रोग ठीक !
मैंने मेरे बेटे के द्वारा आश्रम से औषधियाँ मँगवायीं, जिसमें केवल 250 रुपये लगे । बापूजी की दुआ-कृपा और आश्रम की दवाओं के प्रभाव से 2 दिन में ही मेरे चेहरे पर एकदम चमक आ गयी । महीने-दो महीने में तो स्वास्थ्य में ऐसा फर्क देखने को मिला कि चमत्कार को भी चमत्कार हो गया... 250 रुपये में खुल गये 5 ब्लॉकेज ! मैं पूर्ण स्वस्थ हूँ ।
पूज्य बापूजी की मेरे ऊपर बहुत-बहुत कृपा है । ऐसी बीमारी में कई दिनों तक बेड रेस्ट पर रहना पड़ता है और दूसरे भी कई नियम पालने पड़ते हैं । 7-8 लाख का खर्चा भी होनेवाला था । एलोपैथी से यह हाल होता है । वहीं बापूजी की कृपा और आश्रम के आयुर्वेदिक इलाज से केवल 250 रुपये में काम हो गया । आयुर्वेद का अभी भी गौरव कायम है और बापूजी जैसे महापुरुष की करुणा-कृपा का तो कहना ही क्या ! उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए तो मेरे पास शब्द ही नहीं हैं । इनके लिए इतना ही कहूँगा कि बापूजी तो मेरे दिल में हैं, मेरे भगवान हैं ।
Ref: ISSUE323-November-2019