मैं 2012 से छिंदवाड़ा गुरुकुल में पढ़ाई कर रही हूँ । गुरुकुल में आने से पहले मैं पढ़ाई में बहुत कमजोर थी । मुझे हमेशा ‘सी’ या ‘डी’ ग्रेड मिलता था । गुरुकुल में आने के बाद मेरा सर्वांगीण विकास होने लगा । मैं त्रिकाल संध्या, सत्संग-श्रवण, त्राटक, ध्यान, भ्रामरी प्राणायाम आदि नियमित करने लगी, जिससे मुझे हर क्लास में 80 प्रतिशत के ऊपर अंक मिलने लगे ।
झूठ बोलने की तथा दूसरी और भी मेरी जो खराब आदतें थीं वे सब अपने-आप छूट गयीं । गुरुकुल में मुझे जो कुछ जानने-सीखने को मिला, जो उत्तम संस्कार मिले वे और कहीं से नहीं मिले ।
खेल आदि दूसरी गतिविधियों में भी मैं आगे रहने लगी । बापूजी की कृपा से मुझे कराटे में जिला स्तर पर 4 स्वर्ण पदक, राज्य स्तर पर 2 स्वर्ण व 1 कांस्य पदक तथा राष्ट्रीय स्तर पर 1 स्वर्ण पदक मिला ।
2018 में अहमदाबाद आश्रम में दीपावली पर हुए विद्यार्थी अनुष्ठान शिविर में मैंने सारस्वत्य मंत्र का अनुष्ठान किया था । वहाँ पर मुझे बहुत अच्छा लगा । मैंने पहली बार 7 दिन तक मौन रखने का नियम लिया था । हम हर रोज 170 माला जपते तथा प्रार्थना, सत्संग, ध्यान आदि नियम करते थे । वहाँ कई तरह के खेल व प्रतियोगिताएँ भी होती थीं । इस शिविर से मुझे अंदर से बहुत शांति मिली, बहुत सारा सीखने को मिला । इस वर्ष यह शिविर पूज्य बापूजी के सान्निध्य में हो ऐसी हम विद्यार्थियों की आस है, जिससे हम उन्नति की ऊँची-से-ऊँची उड़ान भर सकें ।
- गीतांजलि कुमारी
संत श्री आशारामजी गुरुकुल, छिंदवाड़ा
सचल दूरभाष : 7838687421