मैं पूज्य बापूजी का अभिनंदन करने आया हूँ... उनके आशीर्वचन सुनने आया हूँ । संत-महात्माओं के दर्शन तभी होते हैं, उनका सान्निध्य तभी मिलता है जब कोई पुण्य जागृत होता है ।
देशभर की परिक्रमा करते हुए जन-जन के मन में अच्छे संस्कार जगाना, यह एक ऐसा परम राष्ट्रीय कर्तव्य है जिसने हमारे देश को आज तक जीवित रखा है और इसके बल पर हम उज्ज्वल भविष्य का सपना देख रहे हैं... इस सपने को साकार करने की शक्ति और भक्ति एकत्र कर रहे हैं ।
पूज्य बापूजी सारे देश में भ्रमण करके जागरण का शंखनाद कर रहे हैं, संस्कार दे रहे हैं । हमारी जो प्राचीन धरोहर थी और जिसे हम लगभग भूलने का पाप कर बैठे थे, बापूजी हमारी आँखों में ज्ञान का अंजन लगा के उसको फिर से हमारे सामने रख रहे हैं । बापूजी का प्रवचन सुनकर बड़ा बल मिला, बड़ा आनंद आया । जीवन के व्यापार में से थोड़ा समय निकालकर सत्संग में आना चाहिए ।’’
- भारतरत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व प्रधानमंत्री