मैं एक साधारण विद्यार्थी था । मेरा पढ़ाई में मन भी नहीं लगता था इसलिए इंटर में दो बार फेल हुआ था । किसी तरह से नौकरी मिल गयी । फिर क्या था, आवारा, बदमाश बन गया । अपने को बड़ा आदमी समझने लगा । लड़ाई-झगड़ा करना रोज की आदत बन गयी थी परंतु भगवान की अहैतुकी कृपा हुई और मुझे सौभाग्य से एक बार पूज्य बापूजी के सत्संग में आने का सुअवसर मिला । सत्संग सुनने से अच्छा लगा तो मंत्रदीक्षा भी ले ली । मंत्रजप करने से स्वभाव बदलने लगा, शांति आने लगी, विवेक जगने लगा कि ‘सही क्या, गलत क्या ?’ हर क्षेत्र में उन्नति होने लगी । सब गलत आदतें अपने-आप छूट गयीं । मैंने आगे की पढ़ाई पूरी की ।
एक विदेशी कम्पनी में मेरा सिलेक्शन हो गया और UAE में काम शुरू किया । हर वर्ष प्रमोशन होता गया । आज मैं ‘ओरियंट एम.सी.टी.’ (Orient Management Consulting & Training) का एच.एस.ई. (Health Safety & Environment) ट्रेनिंग हेड हूँ और 50 लाख से ज्यादा रुपये सालाना कमा रहा हूँ ।
मेरी बुरी आदतें दूर होना तथा मुझे समृद्धि, सफलता मिलना यह सब गुुरुकृपा से सम्भव हुआ है । यदि मेरे जीवन में पूज्य बापूजी का ज्ञान व उनका दिया उत्साह, साहस, हिम्मत नहीं होते तो यह सब सम्भव नहीं था और मैं आवारागर्दी में खप जाता ।
- बंशीधारी सिंह, एच.एस.ई. ट्रेनिंग हेड
(ओरियंट एम.सी.टी.), अबू धाबी (दुबई)
सचल दूरभाष : 971-55-6818719
Ref: ISSUE291-March-2017