Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

डॉक्टर भी हुए आश्चर्यचकित !

2004 में मैंने सपरिवार पूज्य बापूजी से मंत्रदीक्षा ली थी । गुरुदेव के सत्संग से हमारा पूरा जीवन ही बदल गया । यह अमृत समाज तक भी पहुँचे इस हेतु मैं और मेरी पत्नी घर-घर ऋषि प्रसादपहुँचाने की सेवा करने लगे । अप्रैल 2015 में मुझे मलेरिया हो गया, डॉक्टर को दिखाया पर उसके इलाज से कोई फायदा न हुआ । हालत इतनी खराब हो गयी कि मुझे जलगाँव (महा.) के बड़े अस्पताल में भर्ती कर दिया । डॉक्टर बोले : ‘‘इनकी दोनों किडनियाँ खराब हैं ।’’ इसके बाद मुझे औरंगाबाद के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया । वहाँ मुझे आई.सी.यू. में रखकर उपचार शुरू हुआ । मैं और मेरी पत्नी पूज्य बापूजी को पुकार रहे थे । ऋषि प्रसाद बापूजी का हृदय है’ - ऐसा भाव करके मेरी पत्नी मेरे ऊपर ऋषि प्रसाद घुमा रही थी । बीच-बीच में गोझरण अर्क में पानी मिला के पिलाती थी ।

कुछ समय बाद डॉक्टरों की टीम आई.सी.यू. में आयी । मैंने देखा कि उन सबके आगे पूज्य बापूजी चल रहे हैं । पूज्यश्री ने मेरा हाथ पकड़ा, नाड़ी जाँची । मैं जोर से बोल पड़ा : ‘‘बापूजी आये ! बापूजी आये !!’’ डॉक्टरों ने समझा कि बुखार तेज है इसलिए कुछ भी बड़बड़ा रहा है पर मैं पूरे होश में था और खुली आँखों से बापूजी का तेजोमय दिव्य रूप निहार रहा था । पूज्यश्री आशीर्वाद देकर मधुर मुस्कान देते हुए अंतर्धान हो गये ।

उसके बाद सभी रिपोर्टें नॉर्मल आने लगीं । मेरी दोनों किडनियाँ पूर्ववत् कार्य करने लगीं । डॉक्टर आश्चर्यचकित रह गये । मैं नौ दिनों में पूर्णरूप से ठीक हो गया । अब ऋषि प्रसाद घर-घर पहुँचाने की सेवा अखंडरूप से करता रहूँयही बापूजी के श्रीचरणों में प्रार्थना है !     

 - कैलास जाधव

सचल दूरभाष : 8805810033

 

 

Ref: ISSUE313-JANUARY-2021