Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

बापूजी से जो आध्यात्मिक लाभ हुए, उनके आगे बाकी सब नगण्य है

पहले मेरे घर की आर्थिक दशा बहुत ही कमजोर थी । परिवार में 7 लोग थे और कमानेवाले केवल पिताजी थे । पिताजी मुश्किल से महीने में 5000 रुपये कमाते थे जिससे परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं हो पाती थी । परंतु पूज्य बापूजी से मंत्रदीक्षा लेने के बाद ऐहिक और आध्यात्मिक लाभ इतने हुए कि बयान नहीं कर सकता 

आज मैं अमेरिका के कोलम्बस शहर में एक बड़ी कम्पनी में कार्यरत हूँ और 10 लाख रुपये प्रतिमाह कमाता हूँ । बापूजी की कृपा से मेरी आर्थिक स्थिति ठीक हो गयी इसलिए मैं बापूजी को मानता हूँ ऐसा नहीं है । मेरी आर्थिक दशा नहीं भी सुधरती तो भी मैं बापूजी को भगवत्स्वरूप मानता क्योंकि मुझे पूज्यश्री से जो भक्ति मिली, आत्मज्ञान का लक्ष्य मिला एवं जो आध्यात्मिक लाभ हुए हैं उनके आगे सांसारिक वस्तुओं का मूल्य नगण्य है । बापूजी जैसे संतों की कृपा के बिना मनुष्य-जन्म का सफल होना असम्भव है ।

पूज्यश्री ने वेदों का ज्ञान वाणी से ही नहीं दिया बल्कि स्वयं के जीवन में चरितार्थ करके भी बताया है और सनातन धर्म की रक्षा के लिए ही वे आज इतना बड़ा अन्याय सह रहे हैं 

- योगेन्द्र खरे

कोलम्बस, ओहायो, यू.एस.ए.