जिनसे विद्यार्थियों को सफल एवं उन्नत होने के उपाय मिले । उन्हींसे मैंने प्रेरणा ली और विद्यार्थियों तथा विद्यालय के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील रहा, समाजसेवा के कार्य किये । फलतः बापूजी की कृपा से मुझे 1995 से अब तक पाँच अवॉर्ड मिल चुके हैं ।
मुझे श्रेष्ठ शिक्षक (जिला स्तरीय), श्रेष्ठ शिक्षक (राज्य स्तरीय), श्रेष्ठ आचार्य (जिला स्तरीय), लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड तथा राष्ट्रपति द्वारा ‘देश के श्रेष्ठ शिक्षक’ के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है । यह सब गुरुकृपा से ही सम्भव हुआ है ।
बापूजी सभीको व्यसनमुक्त रहने का उपदेश देते थे अतः मैंने अपने आसपास के हजारों विद्यार्थियों तक बापूजी के सत्संग की जीवन-परिवर्तक पुस्तक ‘नशे से सावधान’ पहुँचायी । ऐसे संतों को और उनके कार्यों को साधारण बुद्धिवाला व्यक्ति नहीं समझ सकता । बापूजी समाज का जो सच्चा हित कर रहे हैं वह कोई भगवत्स्वरूप महापुरुष ही कर सकते हैं, अतः मैं उन्हें भगवान मानता हूँ और उनके श्रीचरणों में बार-बार प्रणाम करता हूँ ।
- लक्ष्मण भाई वाळंद (वालंद), बड़ौदा (गुज.), सचल दूरभाष : 09824074102