Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

की सेवा, मिला मेवा

मैं कुछ समय से आर्थिक रूप से बहुत परेशान था । कर्जा हो गया था और वह दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था । ऐसी दशा में एक बार मैं भोपाल आश्रम गया । वहाँ एक गुरुभाई ने ऋषि प्रसादकी सेवा करनेवाले एक भाई का अनुभव मुझे बताया और कहा कि ‘‘सत्संग-ज्ञान के प्रचार की ऐसी सेवा से दूसरों का जीवन उन्नत होने लगता है और दूसरों का दुःख, शोक, परेशानियाँ जो मिटाता है उसका अपना दुःख और परेशानियाँ टिकती नहीं ।’’ मुझे यह बात जँच गयी और मैंने बड़ बादशाह की परिक्रमा करके संकल्प किया कि मैं प्रतिदिन यह सेवा करूँगा ।उसी दिन से मैंने ऋषि प्रसादकी सेवा शुरू कर दी ।

कुछ ही दिनों में गुरुकृपा से हमारी सारी परेशानियाँ दूर होने लगीं । आज मैं पूरी तरह कर्जे से मुक्त हूँ । आर्थिक, मानसिक व पारिवारिक परेशानियाँ भी दूर हो गयीं । यह सब ऋषि प्रसादकी सेवा का मेवा है । सद्गुरुदेव की कृपा से मेरे सभी कार्य अपने-आप ही सुचारु रूप से चलने लगे हैं ।

ऐसे अनेकों सेवाकार्यों के प्रेरणास्रोत पूज्य बापूजी के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन !

- संतोष जाटव, भोपाल

मो. : 9098758699