Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ पर पूज्य बापूजी का विश्वव्यापी संदेश

ब्रह्मसंकल्प

14 फरवरी मातृ-पितृ पूजन दिवसको अब अंतर्राष्टीय स्तर पर मनायेंगे, एकदम व्यापक करेंगे । हिन्दू, ईसाई, यहूदी, मुसलमान सभी चाहते हैं कि हमारे बेटे-बेटी लोफर न हों । कोई माँ-बाप ऐसा नहीं चाहते कि हमारी संतानें लोफर हों, हमारे मुँह पर लात मारें, आवारा की नाईं भटकें । तो सभीकी भलाई का मैंने संकल्प किया है । मातृ-पितृ पूजन दिवसमें पंच महाभूत, देवी-देवता, मेरे साधक और मुसलमान, हिन्दू, ईसाई, पारसी सभी जुड़ जायें - ऐसा संकल्प मैं आकाश में फैला रहा हूँ । देवता सुन लें, यक्ष सुन लें, गंधर्व सुन लें, पितर सुन लें कि भारत और विश्व में मातृ-पितृ पूजन दिवसका कार्यक्रम मैं व्यापक करना चाहता हूँ और सभी लोग अपने माता-पिता का सत्कार करें, ऐसा मैं एक अभियान चलाना चाहता हूँ । आप सभी इसमें प्रसन्न होंगे और सहभागी होंगे ।

सरकारों को संदेश

छत्तीसगढ़ सरकार ने तो अध्यादेश जारी किया बापू का सत्संग सुनते ही । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और दूसरे मंत्रियों ने वचन घोषित किया कि हमारे छत्तीसगढ़ में वेलेंटाइन डे नहीं मनाया जायेगा, सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों में मातृ-पितृ पूजन दिवसमनाया जायेगा ।लड़के बेशर्मी करके माता-पिता का अपमान न करें और लफंगे-लफंगियोंवाली जिंदगी, तबाही करनेवाली जिंदगी न जियें, ऐसा सरकारी कानून बने । मैं तो देशभर के मुख्यमंत्रियों और दुनिया के लोगों को भी संदेशा देता हूँ कि वेलेंटाइन डे मनाकर बच्चे-बच्चियाँ तबाही के रास्ते न जायें बल्कि मातृ-पितृ पूजन दिवसमनाकर बच्चों के जीवन में नित्य उत्सव, नित्य श्री और नित्य मंगल हो ।

बच्चों और उनके अभिभावकों को संदेश

मैंने मेरी माँ का आदर किया, मेरे पिता का आदर किया, मेरे गुरुजी का आदर किया तो लोग मेरा आदर करते हैं । तो माँ-बाप को तुच्छ नहीं मानें । इस विषय में बच्चों का ज्ञान बढ़े, ऐसी मातृ-पितृ पूजनपुस्तक व वीसीडी भी है । इन्हें एक-दूसरे में बाँटो जिससे बच्चों में अच्छे संस्कार पड़ें । जरा-जरा बात में माँ-बाप की बात को ठुकरा के बच्चे मनमुख होकर फिर आगे चलकर अशांत होते हैं, खिन्न होते हैं । नित्य उत्सव के बदले नित्य गुस्सा, नित्य श्री की जगह नित्य दरिद्रता - यह चाहिए, यह चाहिए...और नित्य मंगल की जगह नित्य खटपट । तो नित्य खटपट, नित्य दरिद्रता, नित्य झगड़े को हटाने के लिए बच्चों को अभी सेŸ ‘मातृ-पितृ पूजन दिवसकी महिमा समझाओ और 14 फरवरी को उसे मनाने की तैयारी करो ।

दूसरी बात, अपने  बेटे-बेटियों को, पड़ोस के बेटे-बेटियों को कंठ से ॐकार का गुंजन करने का प्रयोग (मातृ-पितृ पूजनपुस्तक, पृष्ठ 11) जरूर सिखाओ तो उनके जीवन में नित्य उत्सव, नित्य श्री और नित्य मंगल होने लगेगाŸऔर 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे न मनाकर युवक-युवतियाँ बेचारे तबाही के रास्ते जाने से बचेंगे ।

प्रसार माध्यमों को संदेश

वेलेंटाइन डे बच्चों और युवक-युवतियों की दिशा अंधकार की ओर मोड़ रहा है । आप उनको मातृ-पितृ पूजन दिवसकी दिशा दो । आपसे यह चीज माँगता हूँ कि आपके पाठकों और दर्शकों के बच्चे तेजस्वी हों । बालक-बालिकाएँ, युवक-युवतियाँ अपने जीवन की शाम होने के पहले जीवन में जीवनदाता के प्रकाश को पायें । यह समाजरूपी देवता की सेवा है ।