Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

साधारण विद्यार्थी बना साइंटिफिक ऑफिसर

जब मैं 5वीं कक्षा में था तभी से मेरा मन पढ़ाई से उचट गया था और मैं चिड़चिड़ा-सा हो गया था । इससे मेरी माता परेशान हो गयी । बहुत मेहनत करने पर भी मुझे परीक्षा में 50-55% अंक ही आ पाते थे । मेरे माता-पिता ने मुझे पूज्य बापूजी से मंत्रदीक्षा दिला दी । पूज्यश्री ने जो जप-ध्यान व युक्तियाँ बतायी थीं, उनके कुछ ही दिनों के अभ्यास से मेरे स्वभाव में बदलाव व मन में शांति आने लगी । पढ़ाई में भी अच्छे अंक आने लगे । बायोटेक्नोलॉजी से ग्रेड से एम.एससी. पास की ।

पूज्य बापूजी तुलसी की बहुत महिमा बताते हैं । अतः मैंने महावीर कैंसर इंस्टीट्यूट, पटनामें तुलसी पर रिसर्च चालू किया और तुलसी की पत्तियों से मधुमेह के इलाज में सफलता पायी । मेरे रिसर्च को बहुत सराहा गया व इंटरनेशनल जरनल ऑफ करेंट माइक्रोबायोलॉजी एंड एप्लाइड साइंसमें प्रकाशित किया गया ।

अभी मैं डाइग्नो लैब्स, गुड़गाँवमें सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर के पद पर कार्यरत हूँ । मेरी सभी सफलताओं का पूरा श्रेय मेरे गुरुदेव पूज्य संत श्री आशारामजी बापू को जाता है । धन्य हैं वे लोग, जिन्हें पूज्य बापूजी से दीक्षा लेने का सौभाग्य मिला है और वे भी धन्य हैं, जिन्हें आगे यह सौभाग्य मिलेगा !

- उत्सव

सीनियर साइंटिफिक ऑफिसरडाइग्नो लैब्स, गुड़गाँव