Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

बापूजी की मुस्कान हर लेती मुसीबतें

मेरी धर्मपत्नी की तबीयत खराब थी । उसकी बच्चेदानी पीठ की तरफ चली गयी थी और उसमें 2.5 किलो की रसौली (cyst) भी थी । यहाँ के प्रसिद्ध मिशन अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि ‘‘केस बहुत गम्भीर है । मरीज को बचाना बहुत ही मुश्किल है ।’’ उसी दौरान मैं पूज्य बापूजी से मिला और अपनी परेशानी बतायी कि ‘‘मेरे पास पैसे भी नहीं हैं...’’ तो बापूजी ने मुस्करा के कहा : ‘‘तू चिंता क्यों करता है ? पैसे मैं दूँगा । सब ठीक हो जायेगा ।’’ मैंने गुरुदेव की आज्ञा पाकर पत्नी को ऑपरेशन के लिए भर्ती कर दिया । मेरे बैंक के खाते में मात्र 3 हजार रुपये थे पर जब मैं ए.टी.एम. में गया तो 60 हजार रुपये देख दंग रह गया ! वे पैसे महँगाई भत्ते आदि के जो कटते थे और सेवानिवृत्त होने पर मिले थे, उसकी मुझे याद ही नहीं थी । मैं खुशी से भावविभोर हो गया ।

10 डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन में भाग लिया था । ऑपरेशन के दौरान मेरी पत्नी को बापूजी ने सूक्ष्मरूप में दर्शन भी दिये थे । गुरुकृपा से ऑपरेशन सफल हुआ । पत्नी की जान बच गयी । वरिष्ठ ईसाई डॉक्टर ने ऑपरेशन-कक्ष से बाहर आकर पूछा कि ‘‘कोई सफेद दाढ़ीवाले बाबाजी बिस्तर के चारों तरफ घूम रहे थे । वे कौन थे? ऐसा चमत्कार और ऑपरेशन मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा !’’ मैंने कहा : ‘‘वे मेरे सद्गुरुदेव पूज्य आशारामजी बापू थे । यह उन्हींका चमत्कार है ।’’

- अनिल शर्मा, कुल्लू (हि.प्र.) मो. : 9418455489