मन का यह स्वभाव है कि जैसा वह देखता है, वैसे ही विचार उसमें शुरू हो जाते हैं । सभी चाहते हैं कि मन में अच्छे विचार आयें और घर में हमेशा सुख-शांति, समृद्धि बनी रहे । इसके लिए इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है कि आप अपने घर को कैसा रखते हैं । घर साफ-सुथरा तो हो पर साथ में घर की दीवारों पर महापुरुषों के श्रीचित्र जैसे पूज्य बापूजी के मनभावन कैलेण्डर, लेमिनेटेड फोटो या प्राकृतिक दृश्यों के चित्रों को लगायें । इससे मन प्रसन्न रहेगा व जीवनीशक्ति का भी विकास होगा । आपका घर मंदिर बन जायेगा । जैसे अस्पताल को देखने से मरीज की याद आती है, वैसे ही घर की दीवारों पर युद्ध, हिंसा या फिल्मी अभिनेता-अभिनेत्रियों के चित्र लगाने से युद्ध के मैदान व सिनेमाघर की ही याद आयेगी । फलतः मन में वैसे ही विचार उठेंगे और घर में लड़ाई-झगड़े, विकार, अशांति व दुःख हमेशा बने रहेंगे । साथ ही इन चित्रों को देखने से आपकी जीवनीशक्ति का ह्रास भी होगा । आपके परिजनों के साथ आपके संबंधों पर बुरा असर होगा । बुरे चित्र मन को हलके विचारों की तरफ ले जाते हैं । अतः ऐसे-वैसे चित्र लगाकर घर को सिनेमाघर या रणभूमि न बनायें, बल्कि भगवान व संतों के चित्रों से सजाकर अपने घर को मंदिर बनायें ।