Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

औषधीय गुणों से भरपूर काली मिर्च

काली मिर्च गर्म, रुचिकर, पचने में हलकी, भूखवर्धक, भोजन पचाने में सहायक तथा कफ एवं वायु को दूर करनेवाली है । यह खाँसी, जुकाम, दमा, अजीर्ण, अफरा, पेटदर्द, कृमिरोग, चर्मरोग, आँखों के रोग, पेशाब-संबंधी तकलीफों, भूख की कमी, यकृत (Liver) के रोग, हृदय की दुर्बलता आदि में लाभदायी है । नेत्रविकारों में सफेद मिर्च का विशेषरूप से उपयोग होता है ।

काली मिर्च के सेवन से मूत्र की मात्रा बढ़ती है । यह घृतयुक्त स्निग्ध पदार्थों को शीघ्र पचाती है । अल्प मात्रा में तीक्ष्ण होने से यह शरीर के समस्त स्रोतों से मल को बाहर कर स्रोत-शुद्धि (शरीर के विभिन्न प्रवाह-तंत्रों की शुद्धि) करती है, जिससे मोटापा, मधुमेह (diabetes), हृदय की रक्तवाहिनियों के अवरोध (coronary artery disease) आदि से सुरक्षा होती है । दाँत-दर्द या दंतकृमि में इसके चूर्ण से मंजन करना अथवा इसे मुँह में रखकर चूसना लाभदायी है । नाड़ी-दौर्बल्य में यह लाभदायी है ।

औषधीय प्रयोग

(1) मस्तिष्क व नेत्रों के लिए : प्रातः काली मिर्च का 1-2 चुटकी चूर्ण शुद्ध घी* व मिश्री के साथ सेवन करने से मस्तिष्क शांत रहता है तथा दृष्टि बलवान होती है ।

(2) शरीर-पुष्टि हेतु : रात्रि के समय 1-2 काली मिर्च दूध में उबाल के लेने से शरीर में रस धातु की वृद्धि होकर शेष सभी धातुएँ पुष्ट होती हैं, शरीर का पोषण ठीक प्रकार से होता है ।

(3) दमा व खाँसी में : काली मिर्च का 4 चुटकी चूर्ण 1 चम्मच मिश्री, आधा चम्मच शहद* व 1 चम्मच शुद्ध घी के साथ मिला के दिन में दो बार चाटने से सर्दी, छाती-दर्दसहित होनेवाले दमे व खाँसी में लाभ होता है तथा फेफडों में संचित दूषित कफ निकल जाता है ।

(4) गले के रोग : दिन में एक से दो बार काली मिर्च को चूसना या उसके काढ़े से कुल्ला करना लाभदायी है ।

(5) अफरा : काली मिर्चर् से युक्त संतकृपा चूर्ण* 2 ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें । अफरे के अलावा यह चूर्ण कब्ज, पेट के कृमि, गैस, बदहजमी, अम्लपित्त (hyperacidity), सर्दी, खाँसी, सिरदर्द आदि को दूर करने तथा स्फूर्ति एवं ताजगी लाने हेतु लाभप्रद है ।

सावधानी : अधिक मात्रा में काली मिर्च के सेवन से पेटदर्द, उलटी, पेशाब में जलन आदि विकार उत्पन्न होते हैं । अतः इसका अल्प मात्रा में सेवन करें ।             

Ref: ISSUE318-AUGUST-2021