हर कोई चाहता है कि मेरी स्मरणशक्ति, एकाग्रता अच्छी बनी रहे परंतु सही आदतों एवं उपायों के ज्ञान के अभाव में यह अपेक्षा बहुतों के जीवन में अधूरी ही रह जाती है । कई लोग छोटी-छोटी बातें भी भूलते देखे जाते हैं । विद्यार्थियों के लिए तो यह आदत और भी कष्टदायी हो जाती है । अतः इस ज्वलंत सामाजिक समस्या पर बना यह लेख सभीके लिए माँग और उसकी पूर्ति का समीकरण हल करानेवाला पथप्रदर्शक है ।
दिमाग को कमजोर करनेवाली आदतें
(1) पर्याप्त नींद न लेना (2) अधिक भोजन (3) ज्यादा तली, अधिक मिर्च-मसालेवाली चीजें व बासी भोजन खाना (4) एक समय में एक से अधिक काम में दिमाग लगाना, जैसे कि पढ़ाई करते समय गाने सुनना (5) रात को खूब जागना व सूर्योदय के बाद भी सोते रहना (6) चिंता-तनाव (7) मोबाइल फोन का अति उपयोग (8) चाय-कॉफी पीना (9) रज, वीर्य नाश आदि । (पृष्ठ 5 पर ‘दिव्य प्रेरणा-प्रकाश...’ भी पढ़ें)
ये गलत आदतें दिमाग को कमजोर करती हैं । इनसे बचें व नीचे दिये गये उपायों को अपनायें ।
स्मरणशक्ति-वृद्धिव मस्तिष्क-पुष्टि के उपाय
(1) देशी गाय के शुद्ध घी से सिर पर मालिश करने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है ।
(2) सुबह खाली पेट आँवले का मुरब्बा खाने से हृदय और दिमाग को शक्ति मिलती है । 1-1 चम्मच आँवला रस व शहद का मिश्रण लेने से स्मृतिशक्ति बढ़ती है ।
(3) सिर में लौकी का तेल लगाने से मस्तिष्क को शक्ति, ठंडक व विश्रांति मिलती है ।
(4) गाय के दूध में घी मिला के पीने से स्मृतिशक्ति व बुद्धि बढ़ती है । असली गोघृत मिले तो अति उत्तम है । बाजारू पैकवाला गोघृत विश्वासयोग्य नहीं होता ।
(5) पूज्य बापूजी से दीक्षा में प्राप्त सारस्वत्य मंत्र के जप से, भगवन्नाम के जप व ध्यान से स्मरणशक्ति, बुद्धि, निर्णयशक्ति, एकाग्रता, अनुमान शक्ति आदि के साथ सब प्रकार की योग्यताओं का अतुलनीय विकास होता है ।
(6) रोज सूर्यनमस्कार, सर्वांगासन आदि योगासन एवं भ्रामरी प्राणायाम करने से स्वास्थ्य, बौद्धिक व स्मरण शक्तिका विकास होता है तथा हास्य-प्रयोग करने से प्रसन्नता व स्वास्थ्य का विकास होता है ।
(7) नियोजन व विचार करके कार्य करने की आदत बनाने से बुद्धिशक्ति बढ़ती है ।
(8) लोहे के बर्तन में भोजन करने से बुद्धि का नाश होता है (उसमें भोजन बनाना हितकारी है) । माइक्रोवेव ओवन से बने भोजन से याददाश्त व एकाग्रता में कमी, भावनात्मक अस्थिरता और बुद्धि की हानि होने की सम्भावना रहती है । स्टील के बर्तन में बुद्धिनाश का दोष नहीं माना जाता । काँसे के पात्र बुद्धिवर्धक तथा रुचि उत्पन्न करनेवाले होते हैं (चतुर्मास में काँसे के पात्र का उपयोग वर्जित है) ।
(9) रोज सिरहाने के पास गुलाब का फूल रख के सोने से स्मरणशक्तिमें वृद्धि होती है व मस्तिष्क शांत रहता है । मानसिक तनाव हो तो गुलाब को नियमित रूप से सूँघने से लाभ होगा ।
(10) नित्य सूर्योदय से पूर्व उठें । प्रातःकाल वातावरण में प्राणवायु और ऋणायन प्रचुरता में होते हैं । इस समय उठ के प्राणायाम एवं पैदल सैर करने से ताजा ऑक्सीजन मिलता है । ऋणायन से शरीर, मन-मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है । जो विद्यार्थी प्रातः उठ के पढ़ते हैं उनका वह पढ़ा हुआ दिमाग की गहराई में सुरक्षित हो जाता है अर्थात् लम्बे समय तक याद रहता है ।
(11) शोधों से सिद्ध हुआ है कि कागज पर बनाये गये संक्षिप्त आलेखों (पेींशी) से दिमाग तेज होता है । विद्यार्थियों को अपने संक्षिप्त आलेख कम्प्यूटर, टेबलेट्स, मोबाइल फोन पर बनाने के बजाय कागज पर बनाने चाहिए ।
(12) चुस्ततापूर्वक ब्रह्मचर्य का पालन करें ।
विशेष : संत श्री आशारामजी आश्रम व समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध शंखपुष्पी सिरप, च्यवनप्राश, ब्राह्मी शरबत, तुलसी अर्क, ब्राह्मी घृत, आँवला चूर्ण आदि औषधियों के उपयोग से स्मरणशक्ति, धारणाशक्ति और एकाग्रता बढ़ाने में अद्भुत लाभ होता है ।