Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

स्वास्थ्यप्रद, गुणकारी पलाश-फूलों का रंग

पलाश के फूल हमारे तन, मन, मति और पाचन-तंत्र को पुष्ट करते हैं । पलाश के फूलों का प्राकृतिक नारंगी रंग रक्त-संचार में वृद्धि करता है, रोगप्रतिकारक शक्ति, मानसिक शक्ति व इच्छाशक्ति को बढ़ाता है । शरीर की अनावश्यक गर्मी दूर करता है । यह कफ, पित्त, दाह, सकष्ट मूत्र-प्रवृत्ति, वायुसंबंधी 80 प्रकार की बीमारियाँ तथा रक्तदोष का नाश करता है । शरीर की सप्तधातुओं व सप्तरंगों को संतुलित व त्वचा की सुरक्षा करता हैै । इस रंग से शरीर में गर्मी सहन करने की शक्ति बढ़ती है, वर्षभर रोगप्रतिकारक शक्ति मजबूत बनी रहती है तथा मानसिक संतुलन बना रहता है । यह सूर्य की तीक्ष्ण किरणों के दुष्प्रभाव तथा मौसम-परिवर्तन से प्रकुपित होनेवाले रोगों से रक्षा करता है ।

प्रयोग-विधि : स्नान या रंग हेतु एक बाल्टी पानी में आधा पैकेट चूर्ण भिगो दें । लगभग 1 घंटे बाद मसल-छानकर स्नान करें ।

प्राप्ति-स्थान : सभी संत श्री आशारामजी आश्रम व समितियों के सेवाकेन्द्र ।

सम्पर्क : 09218112233

घर में बना सकते हैं प्राकृतिक रंग

* गीला हरा रंग : दो चम्मच मेंहदी चूर्ण को एक लीटर पानी में अच्छी तरह घोल लें ।

* सूखा पीला रंग : चार चम्मच बेसन या मुलतानी मिट्टी में दो चम्मच हल्दी चूर्ण मिलाने से सूखा पीला रंग बनता है, जो त्वचा के लिए अच्छे उबटन का काम करता है ।

* गीला पीला रंग : दो चम्मच हल्दी चूर्ण को दो लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह उबालने से गहरा पीला रंग प्राप्त होता है ।