Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

तंदुरुस्ती व पुष्टि के खास प्रयोग

दिमागी व शारीरिक शक्तिवर्धक योग : 250 ग्राम बबूल की गोंद घी में सेंककर बारीक पीस लें । इसमें बराबर मात्रा में पिसी हुई मिश्री मिला लें । 125 ग्राम बीज निकाले हुए मुनक्के और 50 ग्राम छिलके उतारे हुए भिगोये बादाम कूट के इसमें मिला लें ।

सुबह 1 चम्मच (10-15 ग्राम) मिश्रण खूब चबा-चबाकर खायें । साथ में एक गिलास मिश्री डला दूध घूँट-घूँट पियें । इसके बाद 2 घंटे तक कुछ नहीं खायें । जब खूब अच्छी भूख लगे, तभी भोजन करें । यह योग हड्डियों की मजबूती के साथ ही दिमागी ताकत और तरावट के लिए भी बहुत गुणकारी है । बौद्धिक कार्य करनेवालों व विद्यार्थियों के लिए यह योग विशेष लाभकारी है ।

पुष्टिकारक खीर : 2 छोटे चम्मच सिंघाड़े का आटा, 2 चम्मच घी व स्वादानुसार मिश्री लें । सिंघाड़े के आटे को मंद आँच पर लाल होने तक भूनें । जब अच्छी तरह भुन जाय, तब 300 मि.ली. दूध डालकर पकायें । तैयार होने पर मिश्री, इलायची मिला लें । यह स्वादिष्ट तथा पौष्टिक खीर है । यह प्रयोग गर्भिणी व प्रसूता माताओं के लिए विशेष लाभदायी है ।

बल्य और पुष्टिकारक प्रयोग : पके हुए 1 केले का गूदा, 1 चम्मच शहद व थोड़ी-सी मिश्री एक साथ घोंट लें और 1 चम्मच आँवले का रस मिलाकर खायें । इससे वीर्यस्राव तथा वीर्य-विकार में लाभ होता है । बल बढ़ता है व वीर्य गाढ़ा होता है ।

ध्यान दें : प्रयोगों में दिये गये द्रव्यों की मात्रा अपनी पाचनशक्ति के अनुसार लें । इन दिनों भोजन सुपाच्य व खुलकर भूख लगने पर ही करें । दूध के सेवन के बाद 2 घंटे तक कुछ न लें ।