Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

घुटनों के दर्द का अनुभूत प्रयोग

६ ग्राम विजयसार की लकड़ी, २५० ग्राम दूध, ३७५ ग्राम पानी, २ चम्मच मिश्री (या चीनी) डालकर धीमी आँच पर पकायें । जब दूध २५० ग्राम रह जाय, तब छानकर सोने से १ घंटा पहले पियें । इससे घुटनों की हड्डियों का कैल्शियम तर रहता है, जिससे वृद्धावस्था में कैल्शियम की कमी के कारण होनेवाली घुटनों की समस्या से रक्षा होती है । पुरानी चोट का दर्द दूर होता है । इससे टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है । कमर व घुटनों का दर्द भी दूर होता है ।

इसका सेवन करनेवाले की वृद्धावस्था में भी कभी गर्दन व हाथ नहीं काँपेंगे और हाथ-पैरों व शरीर की हड्डियाँ चोट लगने पर सहज में नहीं टूटेंगी । यह प्रयोग सर्दियों में ही करना चाहिए ।

जोड़ों की कड़कड़ाहट दूरहड्डियाँ बनें मजबूत

नीचे दिये प्रयोग को करने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं व जोड़ों की कड़कड़ बंद होती है । यह मधुमेह में भी लाभप्रद है ।

विधि : विजयसार की लकड़ी का ६ ग्राम बुरादा रात को एक काँच के बर्तन में २५० ग्राम पानी में भिगो दें और प्रातः छानकर पी लें । इसी तरह सुबह का भिगोया हुआ पानी शाम को पियें । यह पानी एक बार में इस्तेमाल करें और हर बार नया बुरादा भिगोयें ।

* पारिजात (हरसिंगार) की ५ से ११ पत्तियाँ १ गिलास पानी में उबालें । आधा पानी शेष रहने पर छानकर प्रातः खाली पेट पियें । कुछ दिन लगातार यह प्रयोग करने से जोड़ों का दर्द, गठिया अथवा अन्य कारणों से शरीर में होनेवाली पीड़ा में राहत मिलती है । पथ्यकर आहार लें ।