Rishi Prasad- A Spiritual Monthly Publication of Sant Sri Asharam Ji Ashram

नींद को योगनिद्रा बनाना सिखाया - 2

बुरे व विकारी सपनों से बचाव

रात्रि को सोने से पूर्व 21 बार ‘ॐ अर्यमायै नमः’ मंत्र का जप करने से तथा तकिये पर अपनी माँ का नाम लिखने से (स्याही-पेन से नहीं, केवल उँगली से) व्यक्ति बुरे एवं विकारी सपनों से बच जाता है ।

नींद लाने का सरल उपाय

नींद लाने हेतु लोग दवाइयाँ खाते हैं परंतु उससे भी लाभ नहीं होता है । वैदिक संस्कृति का दोहन कर पूज्य बापूजी ने सात्त्विक व सरल उपाय बताया है : ‘‘रात्रि को नींद न आती हो या बुरे स्वप्न आते हों तो सोते समय 15 मिनट हरि ॐऽऽ... हरि ॐऽऽ... इस प्रकार गुंजन करें । फिर ‘शुद्धे-शुद्धे महायोगिनी महानिद्रे स्वाहा ।’ इस मंत्र का जप करें ।

कब्जियत और पेट संबंधी बीमारी के कारण नींद न आती हो तो ताँबे के बर्तन में रात का रखा एक से सवा लीटर पानी सुबह 5 से 7 तुलसी-पत्ते मिलाकर पियें तो अच्छा है । रविवार कोे तुलसी नहीं लेनी चाहिए ।

वृद्ध लोगों को यदि नींद नहीं आती हो तो रात को बिस्तर पर बैठकर ‘ॐ’ के केवल ‘ओ’ का उच्चारण करें । ‘ओऽऽऽ...’ बोलते-बोलते जितना दीर्घ उच्चारण कर सकें, करें । फिर जितना समय ‘ओ’ बोलने में लगाया, उतना ही समय चुप हो जायें । ऐसा 10 मिनट करें, फिर सीधे सो जायें । नींद नहीं आती यह भूल जायें । नींद आये चाहे न आये, उसकी फिक्र छोड़ दें । थोड़े ही दिनों में कम नींद आने की शिकायत दूर हो जायेगी और यदि ज्यादा नींद आती होगी तो नपी-तुली हो जायेगी। बुरे स्वप्न दूर हो जायेंगे और रातभर भक्ति करने का फल मिलेगा ।’’ 

क्षमा-प्रार्थना करके रात्रि को सोयें

पूज्य बापूजी कहते हैं : ‘‘रात्रि को सोते समय और सुबह उठने के बाद अनामिका उँगली से आज्ञाचक्र (भ्रूमध्य) पर रगड़ के 3 मिनट ‘ॐ गुरु, ॐ गुरु...’ जप करें और गुरु का ध्यान, गुरु से सम्पर्क करें, फिर शशकासन में दोनों हाथ जोड़कर मन-ही-मन क्षमा-प्रार्थना करें : ‘हे प्रभु ! हे गुरुदेव !! आज जो अच्छे कर्म हुए हैं वे आपकी करुणा-कृपा से हुए हैं । जो बुरे कर्म हुए हैं वे मेरी बेवकूफी, नादानी से हुए हैं । अब ऐसी कृपा करना कि अच्छे कर्म ही हों, बुरे कर्म न हों । मैं जैसा-तैसा हूँ, आपका हूँ ।’ फिर एक हाथ अपने इष्टदेव या सद्गुरु का और एक हाथ अपना मानकर जोर से मिलाओ और मन में बोलो : ‘बिन फेरे, हम तेरे...’’