पौष्टिकता के गुणों से भरपूर : केला
सामान्यत: लोगों में ऐसी मान्यता है कि जल्दी से नहीं पचता और कब्ज करता है । जो केला पूरी तरह नहीं पका हो उसके खाने पर ऐसा परिणाम आता है ।
जिस केले के छिलके पर काला दाग पड़ गया हो और गुच्छे को पकड़कर ऊपर उठाते ही उसमे से टूटकर नीचे गिर जाय तो उस केले को ठीक से पका हुआ मानिए । ऐसे केले पचने में ज्यादा भारी नहीं होते ।
नियमित रूप से केले का सेवन करने से शरीर में माँस और रक्त की वृद्धि होती है । शरीर सशक्त बनता है ।
एशियाई खेल में जिम्नास्टिक के स्वर्णपदक विजेता चीनी खिलाड़ी “लीनिंग” का व्यक्तिगत मत है कि उसकी सफलता का रहस्य केला है । किसी भी स्पर्धा में उतरने से पूर्व वह ६ केले खाता है । चीन के अन्य खिलाडियों की भी प्रिय खुराक केला है । वजन बढाने के लिए भी केला वरदानरूप है ।
नियमित व्यायाम करने वालों के लिए केले का प्रयोग लाभदायक है किन्तु कफ, कब्ज एवं मोटापे के रोगी को केला नहीं खाना चाहिए ।
- लोक कल्याण सेतु, दिसम्बर 2000 से जनवरी 2001, अंक- 42 से